कबीरधाम ! प्रतिबंध के बावजूद जिले में नहीं थम रहा पीडीएस चावल की काला बाजारी, अवैध बिक्री पर सात साल जेल का प्रावधान ।


कबीरधाम 
! राज्य में 40 प्रतिशत लोग आज भी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहे हैं ,राज्य में राशन कार्ड हितग्राहियों की बात करें तो इनकी संख्या लगभग 14.96 लाख है ,वर्तमान स्थिति को देखा जाए तो एक गरीब मजदूर से लेकर एक गौटियाना जमींदारों के पास भी राशन कार्ड उपलब्ध है, राज्य शासन के द्वारा राशन कार्ड धारकों का अगर छटनी कराया जाए तो राशन कार्ड हितग्राहियों की संख्या में भारी गिरावट तो आएगी ही साथ ही इससे राज्य शासन को काफ़ी लाभ मिलेगा।

गरीब मजदूर प्रति माह मिलने वाली अपने राशन सामग्री का उपयोग तो सही तरीके से करते हैं लेकिन जो गौटियाना जमींदार होते हैं वो राशन कार्ड से प्राप्त पीडीएस चावल को खरीद अनाज व्यापारियों को बेच उसमें कुछ पैसे मिलाकर उच्च क्वॉलिटी का चावल खरीद लेते हैं ,अनाज व्यापारी भी कम दर पर चावल खरीद मध्यवर्गीय परिवारों को अधिक रेट में पीडीएस के चावल को बेच खूब धन बटोर रहे हैं ।
जिले में खाद्य विभाग के उदासीनता के चलते अनाज व्यापारियों के द्वारा पीडीएस चावल की कालाबाजारी धड़ल्ले से किया जा रहा है, जबकि शासन का सख्त निर्देश है कि पीडीएस चावल को ना ही बेचा जा सकता है और ना ही खरीदा जा सकता है ।

ऐसे फरेब करने वाले व्यापारियों को सात साल का कारावास भी हो सकता है,बावजूद अनाज व्यापारियों के द्वारा पीडीएस के चावल को कम रेट पर खरीद कर खुलेआम अधिक दामों में बेचा जा रहा है यह खेल मात्र ग्रामीण अंचल में सीमित नहीं है बल्कि जिला मुख्यालय में स्थित अनाज भंडारों में भी खेला जा रहा है।


ऐसा नहीं है कि इसकी ख़बर संबंधित विभाग को न हो जानकारी होने के बावजूद पीडीएस चावल के कालाबाजारी करने वाले इन व्यापारियों पर कोई कार्यवाही नहीं किया जा रहा है अब इसे विभाग का सुस्तीकरण कहें या अनाज व्यापारियों को विभाग का संरक्षण।

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